माँ ने जन्म दिया,
पिता ने चलना सिखाया..
जब जब मैं गिरा,
तब तब उन्होंने मुझको उठाया..
मेरी हर इच्छा मानी,
हर ज़िद पूरी की..
जब जब मेरा आत्मविश्वास डगमगाया,
माँ ने हाथ थामा और लड़ना सिखाया..
माता पिता ही तोह हैं,
जिन्होंने कठिनाईया होता हुए भी,
कभी, हार मानना न सिखाया....
माँ की ममता ने मज़बूत बनाया,
और पिता ने ज़िन्दगी जीना सिखाया..
माँ ने बड़ो का आदर करना सिखाया,
और पिता ने अपनों से छोटो को प्यार देना सिखाया,
बोलने से लेकर, लिखने तक,
खेलने से लेकर, हसने- खिलखिलाने तक,
सब कुछ माता पिता ने ही तोह सिखाया..
जब ज़िन्दगी में सब कुछ माता पिता ने सिखाया,
तब पूजा किसी और की क्यों?
लोग कहते हैं ईश्वर हैं,
उनके अनेक रूप हैं..
और आज,
मैं कहता हु..
की उन्मे से एक
माता-पिता हैं..
No comments:
Post a Comment